Homeकिसान न्यूज़प्रेरणा दायक : किसान ने खुद गेहूं से पास्ता बनाकर कमाए लाखों...

प्रेरणा दायक : किसान ने खुद गेहूं से पास्ता बनाकर कमाए लाखों रुपए

इंदौर। किसान लगातार अपने उपज की मूल्य बढ़ने के लिए सरकार से मांग कर रहा है इसके लिए कई किसान दिल्ली में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। इसी बीच इंदौर के एक किसान ने यह साबित कर दिया है की किसान को अपनी फसल का अच्छा दाम लेने के लिए खुद को ही अनाज के उत्पाद बनाकर बेचना चाहिए। किसान श्री समीर गोस्वामी ने यह कर दिखाया है अब उनके उत्पाद विदेश में भी निर्यात होने लगे है। पढ़िए पूरी खबर

किसानों की आय दुगुना करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। इसे लेकर धार निवासी मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन इंजीनियर श्री समीर गोस्वामी (26) ने गंभीरता दिखाई। इन्होंने अपने खेत में उत्पादित ड्यूरम गेहूं पहले एक कम्पनी को अनुबंध कर सीधे बेचा, फिर भी उचित मूल्य नहीं मिला, तो दलिया, सूजी, बाटी का आटा बनाने का भी प्रयोग किया। लेकिन अंततः सफलता पास्ता बनाकर बेचने में मिली।

kisan news logo
find latest news of kisan, farmers, agriculture

उत्पाद विदेश में निर्यात हो रहे है –

आज स्थिति यह है कि विदेशों में अच्छी मांग के चलते जैविक गेहूं के पास्ता का हर हफ्ते 100 टन और किनोआ पास्ता का 25 टन प्रति सप्ताह के आर्डर ने समीर को अमीर बना दिया। प्रचार से परहेज करने वाले श्री गोस्वामी ने कृषक जगत को बताया कि पास्ता बनाने के लिए कोई बड़ा प्लांट नहीं लगाया है ,सिर्फ छोटी आधुनिक मशीन लगा रखी है, जिससे ड्यूरम गेहूं से सेमोलिना तैयार करते हैं।

अन्य लोगो को भी रोजगार दे रहे है –

छोटे महिला स्व सहायता समूहों को सेमोलिना देकर पास्ता बनवाते हैं, इससे उन्हें भी रोजगार मिल रहा है। 200-300 किलो/घंटा और रोजाना 15-20 टन पास्ता तैयार होता है। जैविक ड्यूरम गेहूं के हाथ से बने पास्ता की विदेशों में अच्छी मांग है। बैंगलुरु की एक कम्पनी को 36 रु. किलो की दर से तैयार पास्ता भेजते हैं। व्यवसाय अच्छे स्तर पर पहुँचने से इन्हें अच्छी कमाई हो रही है।

यही नहीं श्री गोस्वामी, मंडी में बिना बिके टमाटर, प्याज और लहसुन का पाउडर बनाकर भी बेचते हैं। 20 रुपए किलो टमाटर से एक किलो टमाटर पाउडर बनता है। इन्हें सुखाने के लिए एक सोलर ड्रायर भी लगा रखा है। श्री समीर का यह नवाचार अन्य किसानों के लिए इसलिए प्रेरणादायी है, क्योंकि इन्होंने अपनी उपज का उद्यम करके पास्ता उत्पाद तैयार किया और फिर उसे बेचकर अपना लाभ बढ़ाया।

श्री गोस्वामी जी से हम सभी किसानों को कुछ सीखना चाहिए की अब दूसरो के भरोसे बैठने से अच्छा है खुद ही अपने प्रोडक्ट को बाजार में उतारा जाये जिस से उपज का अच्छा मूल्य मिल सके। आपको गोस्वामी जी की यह खबर कैसी लगी हमे कमेंट बॉक्स में बताये तथा जो किसान अपनी उपज का मूल्य न मिलने पर दूसरों को दोष देते है उनके साथ यह खबर जरूर शेयर करें।

यह भी पढ़ेः Custom Hiring Center – 2021 योजना खरीदें 50 लाख के कृषि यंत्र सरकार देगी 80% तक सब्सिडी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular