kisaan news बरसीन के युवा किसान राजीव कुमार ताईवान के खरबूजा और तरबूज की खेती करके न केवल स्वंय समृद्ध और खुशहाल हो रहे हैं बल्कि कई लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ इलाके के लोगों को जहरमुक्त फल खिलाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। पिछले दो वर्षों से उनका रुझान तरबूज और खरबूजे की तरफ बढ़ा है।
वे बताते हैं कि पिछले साल भी फसल आने के समय लॉकडाउन लग गया और इस बार फिर वही स्थिति है लेकिन इसका लाभ यह हुआ कि वे अपने खेत के तरबूजों को मंडी तक ले जाने की बजाय खुद अपने खेत के बाहर स्टॉल लगाकर बेच रहे हैं। मंडी में तरबूज और खरबूजों का भाव जो किसान को मिलता है वह केवल 15 रुपए है जबकि फ्रूट विक्रेताओं की दुकानों पर यही माल 40-50 रुपए में मिलता है
इसलिए उन्होंने मध्यम रेट रखकर 30 रुपए किलो के हिसाब से अपना माल बेचना शुरु किया है और लोग न केवल पूरे जोश और उत्साह से इन फलों की खरीददारी कर रहे हैं बल्कि वे आभार भी व्यक्त कर रहे हैं कि उन्हें पैस्टीसाईड मुक्त फल मिल रहे हैं।
राजीव कुमार बताया कि वे लगभग दो साल से एक लाख रुपए किलो कीमत का खरबूजे का बीज ताईवान से मंगवा रहे हैं। इस बार उन्होंने लगभग चार एकड़ में खरबूजे एवं तरबूज का बीज लगाया है। एक एकड़ में करीब एक से डेढ लाख रुपए खर्च आता है और प्रति एकड़ 200 क्विंटल फल होने से लगभग छह लाख रुपए का माल बिक जाता है जिससे उन्हें इस सीजन में 4.5 लाख रुपए प्रति एकड़ बचत हो रही है। जैसे ही धान का सीजन आएगा यह खेत खाली होकर धान की फसल के लिए तैयार किए जाएंगे।