Earth Observation satellite लांच होते ही किसानों को अपने खेत या फसल की लाइव जानकारी अपने मोबाइल पर मिलने लगेगी। जिसमे किसान अपने खेत में होने वाली गतिविधिओं पर नजर रख सकते है Earth Observation satellite के लांच होने से किसान अपने खेत में फसलों को नुकशान पहुंचाने वाले आवारा पशुओं पर भी नज़र रख सकते है। यह सैटेलाईट किसानों के लिए आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए कारगर सिद्ध होगा। आज की इस पोस्ट में हम आपको Earth Observation satellite के बारे में पूरी जानकारी देंगे। हमारी वेबसाइट पर किसान सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जाती है।
Earth Observation satellite launching time
इसरो आने वाले 8 माह में पहली बार किसी निजी भारतीय कंपनी का उपग्रह अंतरिक्ष में भेजेगा। बेंगलुरू में अंतरिक्ष तकनीकी से जुड़े स्टार्टअप पिक्सेल-इंडिया का अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट ‘आनंद’ इसरो के पीएसएलवी सी-51 रॉकेट के जरिए अगले साल अंतरिक्ष में जाएगा। ‘आनंद’ से पृथ्वी पर होने वाली किसी भी घटना की करीब-करीब 24 घंटे रियल टाइम इमेज उपलब्ध हो सकेगी।
Earth Observation satellite की कृषि में उपयोगता
पिक्सेल के उपग्रहों की मदद से सीजन में फसल व मिट्टी में हो रहे विभिन्न प्रकार के बदलाव पर नजर रखने में सक्षम रहेगा। इसे लेकर कोई कदम उठाना है, तो इसकी सूचना भी रियल टाइम में पहुंचाई जा सकेगी। हालांकि सूचना पिक्सेल सीधे किसानों को नहीं देगी, बल्कि कोई अन्य प्राइवेट कंपनी या एजेंसी पिक्सेल से डाटा प्राप्त कर किसानों को एसएमएस से देगी। इसी तरह वनों में हो रहे अनेक बदलाव जैसे आग लगना या वनों की कटाई या निकायों को सड़कों व अन्य बुनियादी ढांचों में हो रहे बदलावों की लाइव जानकारी मिलेगी।
अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट से ऐसी निगरानी अब भी हो होती रही है, पर पिक्सेल का डेटा हर 24 घंटे में मिलेगा। पिक्सेल के दो संस्थापकों में से एक क्षितिज खंडेलवाल ने बताया, ‘इन उपग्रहों से समस्याओं को जल्द पहचाना जा सकेगा और तत्काल समाधान सुझाए जा सकेंगे। बाढ़ जैसी समस्या देखरेख व प्रबंधन, जल व वायु प्रदूषण पर भी नजर रखी जा सकेगी।’ पिक्सेल इंडिया एक अर्थ इमेजिंग स्टार्टअप है, जो 2023 तक कुल 24 उपग्रह लॉन्च करेगी। सभी उपग्रह इसरो के अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट के आकार व लागत की तुलना में 10 गुना छोटे होंगे, लेकिन सभी 24 उपग्रहों के अंतरिक्ष में स्थापित होने के बाद इसकी क्षमता 24 घंटे में ग्लोबल कवरेज की होगी।
गुरुवार को पीएसएलवी सी-50 रॉकेट के जरिए सीएमएस-1 की सफलतापूर्वक लांचिंग के बाद इसरो चेयरमैन डॉ. के सिवन ने कहा कि इसरो व भारत के लिए पीएसएलवी का अगला पीएसएलवी सी-51 मिशन खास होगा, इसके जरिए ‘आनंद’ उपग्रह अंतरिक्ष में जाएगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार लागू होने के बाद निजी क्षेत्र द्वारा इसरो की सुविधाओं के इस्तेमाल की यह पहली गतिविधि होगी। आनंद के साथ दो नैनो सैटेलाइट- चेन्नई के स्टार्टअप स्पेसकिड्ज का ‘सतीश’ और यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम का ‘यूनीवसेट’ भी भेजे जाएंगे।
Earth Observation satellite की जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट में बताएं। किसानो से यह जानकारी जरूर शेयर करें।