भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर- आईएआरआई) के वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म विकसित की है जो बढ़ते तापमान का सामना कर सकती है और किसानों के लिए उच्च उपज पैदा कर सकती है। आईसीएआर-आईएआरआई गेहूं की किस्म एचडी 3385 को बढ़ते उच्च तापमान का सामना नहीं करना पड़ेगा, खासतौर पर अपने फसल चक्र के अंत में। इसे विशेष रूप से टर्मिनल हीट टोलरेंस के लिए विकसित किया गया है। आईएआरआई के निदेशक
अशोक कुमार सिंह ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम छह साल से एचडी 3385 किस्म विकसित करने पर
काम कर रही थी। दिल्ली स्थित डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के स्वामित्व वाली बायोसीड- इसका ट्रायल करेगी। यह फसल विज्ञान में विशेषज्ञता वाली एक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी है। सिंह ने कहा कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो उन्हें उम्मीद है कि
एचडी 3385 किस्म इस साल 2024 फसल के मौसम में बाजार में आ जाएगी।
यह भी पढ़े :- किसानो के लिए काला आलू बन रहा है वरदान, हो रही है लाखो की कमाई
बुवाई होगी मध्य अक्टूबर से
नई किस्म की बुवाई मध्य अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच की जानी होगी, जो नियमित बुवाई की अवधि से लगभग 15 दिन पहले है। एचडी 3385 किस्म को न सिर्फ फसल को गर्मी के तनाव के प्रति सहिष्णु बनाने के लिए विकसित किया गया है,
बल्कि इससे उपज में भी वृद्धि हुई है। गेहूं की नई किस्म को विकसित होने में 130 से 160 दिन लगते हैं, जबकि नवंबर में बोने पर 80-95 दिन लगते हैं और इसकी उपज क्षमता लगभग 75 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। फसल की एक अन्य गर्मी प्रतिरोधी किस्म, एचआई 1636 या पूसा बकुला जिसे आईसीएआर ने पिछले साल जारी किया था, की उपज क्षमता 72 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
बायोटेक्नोलॉजी कंपनी है। सिंह ने कहा कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो उन्हें उम्मीद है कि एचडी 3385 किस्म इस साल 2024 फसल के मौसम में बाजार में आ जाएगी।
यह भी पढ़े :- इसके प्रयोग से अब नहीं पड़ेगी किसानो को यूरिया की जरुरत, होगी बंपर पैदावार
सरकार के साथ आम आदमी की चिंता बढ़ता
तापमान- जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ती गर्मी भारत की गेहूं की फसल को प्रभावित कर सकती है यह
सवाल सरकार के साथ-साथ आम लोगों की चिंताएं भी बढ़ा रहा है। फिलहाल नई किस्म की खोज इस दिशा में
एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। गेहूं की फसल को फ्लावरिंग स्टेज में उच्च तापमान का सामना करना पड़ता
है, जिसे टर्मिनल हीट स्ट्रेस कहा जाता है। टर्मिनल हीट टॉलरेंस का मतलब है कि फसल फूल आने की अवस्था
में गर्मी का सामना करने में सक्षम है।
यह भी पढ़े :- इस राज्य में होगी अब अफीम की खेती! सीएम ने उठाई मांग
.
मंडी भाव ग्रुप से जुड़ें –