हमारे देश में ऐसी कई फसलें है, जिनकी खेती कर आप बहुत ही कम समय में धनवान अर्थात करोड़पति बन सकते है | इन फसलों का विवरण इस प्रकार है:-
1. चंदन की खेती (Sandalwood Cultivation)
चन्दन का पौधा बहुत ही खुशबूदार पौधा होता है | हमारे देश में चन्दन की लगभग 20 प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं। चंदन का प्रयोग धार्मिक कार्यों के अलावा, औषधियों को बनानें, परफ्यूम या इत्र बनानें, बच्चों के खिलौने बनानें, हवन सामग्री बनाने आदि के अलावा और भी कई प्रकार की चीजें बनानें में चन्दन का उपयोग किया जाता है | हमारे देश में चन्दन की खेती सबसे अधिक महाराष्ट्र,गुजरात, मध्यप्रदेश (MP) और राजस्थान में होती है | आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चन्दन की खेती के लिए बेहतर मिट्टी, पानी और उचित तापमान की आवश्यकता होती है | चन्दन की खेती कर आप करोड़ों की कमाई कर सकते हैं। हालाँकि चन्दन की खेती करनें के लिए आपको फारेस्ट डिपार्टमेंट से लाइसेंस प्राप्त करना पड़ता है |
2. तुलसी की खेती (Basil cultivation)
तुलसी एक औषधीय और यह बहत ही लाभकारी पौधा होता है | आमतौर पर तुलसी के पौधे की ऊंचाई 30 से 60 सेमी तक होती है | तुलसी की खेती कर आप करोड़ो रुपये की आमदनी कर सकते है | इसके लिए कटिबंधीय (Tropical) और उष्णकटिबंधीय दोनों ही तरह की जलवायु उपयुक्त होती है | यह एक ऐसा पौधा होता है, जिसकी फसल कभी ख़राब नही होती है लेकिन इसकी देखभाल करना जरूरी होता है |
यह भी पढ़े :- अब गोबर से बनेगी बिजली, सरकार ने ख़रीदा 4 करोड़ 25 लाख रुपए का गोबर
3. मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation)
वर्तमान समय में मशरूम की डिमांड काफी अधिक है और लगातार इसकी मांग बढती जा रही है | मशरूम एक ऐसी फसल है, जिसकी लगत से 6 गुना कमाई कर सकते है | मार्केट में जितनी इसकी डिमांड है, उस हिसाब से इसका उत्पादन नही हो रह है | जिसके कारण इसके दामों में भारी बढ़ोत्तरी देखनें को मिलती है | मशरूम की खेती से आप करोड़पति बन सकते है | हालाँकि खेती करनें के लिए आपको विशेष प्रकार की ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है |
4. वनीला की खेती (Vanilla cultivation)
वनीला को मुख्य रूप से एल्कोहल, मिठाई बनानें, आइसक्रीम और परफ्यूम आदि अनेक प्रकार की चीजों को बनानें में उपयोग किया जाता है | मार्केट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है और भविष्य में इसकी मांग बढ़ने की संभावनाएं काफी अधिक है | वनीला की खेतीकर आप काफी अच्छी कमाई कर सकते है |
5. ईसबगोल की खेती (Isabgol Cultivation)
भारत में ईसबगोल की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात,हरियाणा और पंजाब में की जाती है | इसका पौधा एक औषधीय पौधा होता है | इसकी खेती कर आप लाखों की कमाई कर सकते है | इसकी खेती करनें के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है। इसकी भूसी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं और यह हमारे पाचनतंत्र के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है |
यह भी पढ़े :- गाय,भैस पालने पर सरकार दे रही है 90% की सब्सिडी, उठाये इस योजना का फायदा
6. एलोवेरा की खेती (Aloe veracultivation)
वर्तमान समय में एलोवेरा का इस्तेमाल सबसे अधिक सौन्दर्य प्रसाधन करने वाली चीजो के निर्माण में किया जाता है | इसके अलावा इसका इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है | मार्केट में एलोवेरा की डिमांड काफी अधिक है| इसकी खेती करके आप अच्छी आमदनी कर सकते है| यहाँ तक कि आने वाले समय में इसकी डिमांड बढ़ने की संभावनाएं काफी अधिक है | एलोवेरा की खेती के लिएरेतीली मिट्टीबहुत उपयुक्त मानी जाती है| भारत में एलोवेरा की कई प्रजातियाँ पाई जाती है, यहाँ तक कि आमतौर पर इसे घरों में देखा जा सकता है|
7. अफीम की खेती (Opium cultivation)
भारत में अफीम की खेती गैरकानूनी है और इसकी खेती करनें के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना होता है | अफीम की खेती एक ऐसी खेती है, जिसमें मुनाफा सबसे अधिक मिलता है | इसकी खेती करनें आप बहुत ही कम समय में करोड़पति बन सकते है | अफीम की खेती के लिए अक्टूबर और नवंबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है |
8. अश्वगंधा की खेती (Ashwagandha cultivation)
अश्वगंधा की खेती करके आप अच्छी खासी आमदनी प्राप्त कर सकते है | अश्वगंधा की खेती मुख्य रूप से सितंबर और अक्टूबर के महीने में की जाती है| भारत में अश्वगंधा की खेती सबसे अधिक बिहार और उत्तर प्रदेश में की जाती है| अश्वगंधा के फल के बीज और छाल से अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाईयां बनायीं जाती है| मार्केट में इसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है| अश्वगंधा के बीज के अनुकरण में लगभग 7 से 8 दिन का समय लगता है | अश्वगंधा की फसल की कटाई जनवरी से लेकर मार्च तक की जाती है
यह भी पढ़े :- मुर्गी की इस नस्ल के आगे कडकनाथ भी भरता है पानी, दर्जन भर अन्डो की कीमत भी हजारो में !
9. सफेद मुसली की खेती (White Muesli Cultivation)
सफेद मुसली की खेती करनें में परिश्रम की आवश्यकता सबसे अधिक होती है | हालाँकि इसकी खेती से आमदनीं भी बहुत अच्छी होती है | सफेद मुसली एक यूनानी और आयुर्वेदिक दवा है | इसके फल को भूमि के अन्दर उगाया जाता है और जमीन के ऊपर निकलने वाले फूलों से बीज बनाकर मार्केट में बेचा जाता है| मार्केट में सफेद मुसली की डिमांड बहुत अधिक है | सफेद मुसली से खांसी, पीलिया, अस्थमा,बवासीर और चर्म रोगइत्यादि की दवा बनायीं जाती है | इसकी खेती के लिए काली चिकनी मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है |
10. मसालों की खेती (Spices Cultivation)
दुनिया के लगभग सभी देशों में मसालों की मांग काफी अधिक है | इसके बावजूद इनका उत्पादन सिर्फ गिने चुने देशों में ही होता है| यदि आप एक किसान है और आपके पास खेती करनें के लिए उपयुक्त जमीन है, तो मसालों की खेती कर कुछ ही समय में करोड़पति बन सकते है | हलाकि इसकी खेती करनें से पहले आपको इसके उत्पादन से सम्बंधित (मिट्टी, खाद, पानी ) आदि के बारें में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए| खासकर मसालों में धनिया, काली मिर्च, मेथी, जीरा, हल्दी, अदरक और इलायची आदि आते है|
यह भी पढ़े :- गेंहू किसानो के लिए बड़ी खबर इस दिन से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी प्रारंभ
11. सागवान की खेती (Sagwan’s Farming)
मजबूती के मामले में सागवान की लकड़ी को बहुत ही अच्छा माना जाता है | इसकी लकड़ी का उपयोग मुख्य रूप से आलीशान बंगले, फर्नीचर और जहाजों के निर्माण इत्यादि महत्वपूर्ण कार्यों में किया जाता है | मार्केट में सागवान के 12 से 15 माह के तैयार पौधा लगभग 200 रुपये तक मिल जाता है | आप 1 एकड़ में सागवान के 500 से 600 पौधे आठ से दस फुट की दूरी पर बड़ी आसानी से लगा सकते है | इसके साथ ही इन पौधौ के बीच बचने वाली जगह में अरहर, उड़द और मूंग जैसी फसलों का उत्पादन कर सकते है | सागवान का एक पेड़ लगभग 13 से 15 वर्ष में तैयार हो जाता है | इसके मुख्य तने की लम्बाई लगभग 35 से 40 फुट तक होती है | जिसका मार्केट में मूल्य लगभग 3 हजार रुपये प्रति घन फुट होता है |
मंडी भाव ग्रुप से जुड़ें –