बेमौसम बरसात एवं ओलावृष्टि किसानों के लिए बड़ी आफत बन गयी है। इस समय किसान की फसल खेत में पककर खड़ी थी लेकिन मौसम की मार ऐसी बड़ी की किसान का सब कुछ तबाह हो गया। किसान ने फसल को पकाने के लिए लाखों की लागत और मेहनत लगायी थी, लेकिन कुदरत की मार ऐसी पड़ी की किसान को अब उसकी लागत भी नहीं मिल पाएगी।
जब रबी बोआई का समय आया तो किसान खाद के लिए सड़कों पर थे। किसी तरह बोआई की तो अब फिर प्रकृति पीछे पड़ गई है। मौसम के हाथों छले जा रहे किसान परेशान हैं। पिछले चार-पांच दिनों से बरसात होने और ओलावृष्टि से खेतों में लगी सब्जियों की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। कई जगह ओलावृष्टि होने से सब्जी पूरी तरह नष्ट हो गयी है।
देखिए ओलावृष्टि में तबाह फसलों की फोटो
पपीता पूरी तरह से नष्ट

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गेहूं की फसल भी हुई नष्ट

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पककर तैयार तरबूज पूरी तरह से तबाह

लाखों की अंगूर की फसल नस्ट

सरसों की बलिया झड़ी

ओलावृष्टि में सरकार से क्या है उम्मीद
बेमिजाज मौसम ने प्रदेश के कई जिलो में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दीं। मुंगावली में अचानक तेज बारिश के साथ ओले गिरने से किसानों की खड़ी फसल तबाह हो गई है। खुटिया, बमौरी, बरखाना और बुलेरू सहित तहसील के एक दर्जन से अधिक गॉंवों में ओलावृष्टि ने तबाही मचाई। ंइससे गेंहू,चना और सरसों की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है।
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इस बात की खबर जैसे ही केंद्रीय मंत्री सिंधिया तक पहुंची। तत्काल ही उन्होंने जिला कलेक्टर से फोन पर चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया कि ओलावृष्टि से तबाह हुई फसल का तत्काल सर्वे किया जाए। सर्वे रिर्पोट को शीघ्र ही शासन को भेजा जाए और पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।