मूंग की खेती कर किसान कम समय में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। मूंग की खेती कैसे की जाती है इसके best moong variety बेस्ट वैरायटी, जलवायु सिंचाई और कीट नियंत्रण कैसे किया जाता है यह आपको इस पोस्ट में बतायगे। moong ki kheti कर आप कम समय में लाखों कमा सकते है यह कम समय में पककर तईयार हो जाती है। मूंग का बाजार में भाव अच्छा रहता है।
मूंग की खेती के लिए जलवायु
मूंग की फसल वर्ष के विभिन्न महीनों में विभिन्न प्रकार की जलवायु में उगाई जाती है। moong ki kheti भारत में यह मुख्यता ग्रीष्म काल या गेहूं की कतई के बाद मूंग की वुबाई की जाती है। कुछ स्थानों पर मूंग की फसल 2000 मीटर की ऊँचाई तक उगाई जाती है। मूंग की फसल के लिए अधिक वर्षा हानिकारक होती है, परन्तु 100 सेमी वार्षिक वर्षा वाले स्थानों पर मूंग की फसल सफलतापूर्वक उगाई जाती है। 60-75 सेमी वार्षिक वर्षा वाले स्थानों पर भी मूंग की फसल सफलता से उगाई जाती है।
मूंग बुबाई के लिए भूमि की तैयारी
भूमि की तैयारी अगेती मूंग की फसल उगाने के लिए खेत को विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती। 1-2 जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से कर सकते हैं। बसन्त ऋतु में आलू या गन्ने के खेत खाली होने पर या गेहूँ की कटाई करके, पलेवा करके साथ के साथ मूंग की फसल बो सकते हैं। मूंग की वुबाई छिड़कवा विधि या सीडड्रिल से कर सकते है।
मूंग बेस्ट वैरायटी best moong variety
moong ki kheti में अधिक उत्पादन लेने के लिए सबसे महत्पूर्ण मूंग की वैरायटी का चयन करना है। मूंग का उत्पादन मूंग की वेरायटी पर निर्भर करता है। अतः मूंग वुबाई के पहले अपने क्षेत्र की प्रचलित वैरायटी का चयन करें। यह कुछ moong variety है जो अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है।
टा० 44 –
फसल अवधि 60-70 दिन, हरी खाद के लिए भी उत्तम है। दाने की उपज 5-7 कु०/हेक्टेयर, संकरण (टा. 1 x टा. 47) से तैयार की गई है। ग्रीष्म व खरीफ ऋतु के लिए उपयुक्त है। पौधे छोटे व कम फैलने वाले, प्रति हेक्टेयर 8-10 कु० उपज मिल जाती है।
के. 851 –
यह नवीन किस्म कानपुर से निकाली गई है। फसल अवधि 60-65 दिन। फलियाँ लम्बी (7-10 सेमी.) प्रत्येक फली में 10-14 मोटे तथा चमकीले बीज । सब फलियाँ लगभग एक साथ पकती हैं। ग्रीष्म व वर्षा ऋतु के लिए उपयुक्त है। 10-12 कु०/हे. उपज प्राप्त हो जाती है। अच्छे उत्पादन के लिए मूँग की फसल में कीट नियंत्रण आवश्यक है।
PDM 139 moong variety
PDM 139 moong variety वैरायटी को सम्राट के नाम से भी जाना जाता है। यह 2001 में तैयार की गयी थी। यह 60 – 65 दिन में पककर तैयार हो जाती है। अगर आप इसमें 4 पानी करते है तो इसका उत्पादन 5 क्विंटल प्रति एकड़ तक अगर आप इस वेरायटी में 5 पानी करते है तो इसका उत्पादन 7 क्विंटल प्रति एकड़ तक रहता है। PDM 139 variety की खास बात है की यह कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है। गर्मी को सेहन करने की क्षमता अन्य वैरायटी से ज्यादा है। यह मूंग मध्य भारत के लिए सबसे अच्छी मूंग वैरायटी है।
MH 421 moong variety
MH 421 मूंग की वैरायटी को 2014 में विकसित किया गया था। इसके दानों का आकार काफी छोटा रहता है अर्थात यह वारीक दानों की मूंग रहती है। moong variety mh-421 अवधि की बात करें तो यह लगभग 65 – 70 दिन में पककर तैयार हो जाती है। MH 421 मूंग का उत्पादन प्रति एकड़ 5-8 क्विंटल रहता है। इसकी खास बात यह है की इसमें पीला मोज़ेक बिलकुल नहीं लगता।
hum – 1 moong variety
यह moong variety मध्य एवं उत्तर भारत में काफी प्रचलित है। इसके दाने छोटे होते है। hum1 मूँग वैरायटी 58 – 62 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसके अच्छे पकाओ के लिए कम से कम 4 पानी या सिंचाई की जरुरत होती है । समय पर कीट नियंत्रण एवं पोषक तत्व की पूर्ति होने पर यह 8 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन देने में सक्षम है।
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मूँग में अधिक उत्पादन कैसे लें –
मूँग में अधिक उत्पादन मूँग की वैरायटी पर निर्भर करता है, moong ki kheti में अच्छा उत्पादन लेने के लिए समय पर सिंचाई अत्यंत आवश्यक है मूँग में सिंचाई कब कब करना चाहिए यह जानने के लिए आप हमारी यह पोस्ट पढ़ सकते है मूँग में सिंचाई करने का सही समय . अगर आपके खेत में खरपतवार होते है तो उनका नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है। मूंग का 50 प्रतीशत उत्पादन कम कर सकते है.
आज की पोस्ट में हमने बताया moong ki kheti कैसे की जाती है। यह जानकारी आप अन्य किसान भाई के साथ जरूर शेयर करें। moong से सम्बन्धी जानकारी के लिए आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।