प्रदेश में कृषि विभाग की ओर से पटवारियों और सैटेलाइट के जरिए फसलों की गिरदावरी कराई गई। किसानों ने भी मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर खुद रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके बाद भी 20.43 लाख एकड़ फसल की गिरदावरी का डेटा मिसमैच पाया गया है। गिरदावरी में किसी किसान की धान की फसल की जगह बाजरा तो किसी की बाजरे की फसल को धान या कपास दिखाया गया है।
अब 1 अक्टूबर से मंडियों में खरीफ फसलों की खरीद शुरू होनी है। ऐसे में सरकार ने फसल के डेटा मिसमैच के मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को फाइनल वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को खराब फसल का मुआवजा मिल सके। साथ ही मंडी में फसल बेचने में भी कोई दिक्कत न आए। अगर किसान की फसल मिसमैच है और वह धान बेचने मंडी जाएगा तो उसका टोकन नहीं कट पाएगा। अधिकारी जब तक किसान की दूसरी फसल की जगह धान अपडेट नहीं करेगा, तब तक वह फसल नहीं बेच पाएगा। इसलिए सरकार ने प्रदेशभर में 309 राजपत्रित अधिकारियों को गिरदावरी के डेटा के वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी सौंपी है।
अधिकारियों को अलॉट किए एरिया
कृषि विभाग के एसीएस ने पत्र जारी कर सभी जिलों के डीसी, एडीसी, एसडीएम, सीटीएम, डीडीपीओ, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को मिसमैच गिरदावरी की रिपोर्ट भेजी है। इन सभी अधिकारियों को एरिया अलॉट कर लास्ट वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए गए हैं।
इससे साफ है कि अब आईएएस, एचसीएस से लेकर राजपत्रित अधिकारी फील्ड में उतरेंगे। कुछ जिलों में अधिकारियों ने कार्यवाही भी शुरू कर दी है। अब तक कुल मिसमैच एरिया में से 31,261 एकड़ की वैरिफिकेशन की गई। है। अब भी 20, 11,794 एकड़ की वेरिफिकेशन बाकी है।