मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानून बिल के विरोध में लगभग 20 दिनों से किसान आंदोलन दिल्ली में चल रहा है, जिसको अनेक किसान संगठनों द्वारा संचालित किया जा रहा है। जब भी देश में कोई बड़ा आंदोलन होता है तो उस से देश की आय को रोजाना कई करोड़ रुपयों का नुकसान भी होता है । उसी प्रकार किसान आंदोलन के कारण देश करोड़ो रूपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है जिस से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा ने का डर बना हुआ है।
अतः देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए यह आंदोलन बंद कर देना चाहिए इसमें या तो सरकार को किसानों की बात मान लेना चाहिए या फिर किसानों को सरकार की बात मान लेना चाहिए नहीं तो किसान आंदोलन से देश को भारी नुकसान हो जाएगा आज हम आपको बताएंगे कि भारत में हो रहे किसान आंदोलन से देश को रोजाना कितने रुपयों का नुकसान हो रहा है।
किसानों के विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के चलते हर दिन देश को 3200 से 3500 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने यह आकलन किया है। मंगलवार को एसोचैम ने सरकार और किसान संगठनों से किसानों की मांग को जल्द पूरा करने का अनुरोध भी किया है। उधर, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे बुधवार को दिल्ली और नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को से बंद करेंगे।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कई खापों ने केंद्र सरकार के नए कृषि बिल को समर्थन दिया है। यह खापें आने वाले दिनों में दिल्ली की मुख्य सीमाओं पर किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी। अखिल खाप परिषद के सचिव सुभाष बालियान ने यह जानकारी दी। उधर, गाजीपुर व सिंधु बार्डर को यातायात के लिए बंद कर दिया गया। दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि गाजियाबाद से दिल्ली के लिए आने वाले ट्रैफिक को पूरी तरह रोक दिया गया है।
पीएम मोदी बोले- सरकार दूर करेगी किसानों की हर शंका
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात दौरे के दौरान कहा कि विपक्ष किसानों को गुमराह करने की साजिश कर रहा है। उन्हें डराया जा रहा है कि किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। यदि कोई डेयरी वाला दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो क्या वह पशु को भी ले जाता है? उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार हर शंका का समाधान को तैयार है। पीएम ने गुजरात में सिख संगठनों से भी मुलाकात की।