kisan news : दुनिया की ब्रेड बास्केट कहे जाने वाले यूक्रेन और रूसी में जंग के बाद दुनिया भारत के गेहूं की ओर देख रही है । इस युद्ध की वजह से यूरोप में ब्रेड पर हर और खाद्यान्न की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले तीन दिन में भारतीय निर्यातक 500000 टन गेहूं निर्यात के सौदों पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में गेहूँ के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस से भारत के किसानों को फायदा हो सकता है।
यह भारतीय किसानों के निर्यात लिए खुशखबरी है, जिनकी नई फसल जल्द ही आने वाली है, ट्रेडर्स का कहना है कि पिछले सप्ताह से ही गेहूं खरीद कौ इंक्रायरी आनी हो गई थी। यूक्रेन और रूस से दुनिया का 30 फीसद गेहूं निर्यात होता है। इसलिए व्यवसायी ब्लैक सी कार्गों का विकल्प तलाश रहे हैं।
33208 रु. टन पहुंचा गेहूं का दाम
सोमवार को यूरोप के बाजार में गेहूं उछल कर 400 यूरो यानी 33208 रुपये टन के भाव पर पहुंच गया। भारत के घरेलू बाजार में गेहूं के दाम 969 रुपये टन यानी 96.9 रुपये क्विटल के आसपास चल रहा है। भारत ने अभी जो सौदे किए हैं वे 340 डॉलर से 350 डॉलर प्रति टन के हिसाब से किए हैं यानी 2595.50 रुपये प्रति क्विंटल से 267.9 रुपये प्रति क्विंटल की दर से।
भारत इस साल 70 लाख टन तक गेहूं आसानी से निर्यात कर सकता है। निर्यात का यह लक्ष्य भी रखा गया है। यह अपने आप में एक रिकार्ड होगा। मौजूदा समय में रूस, अमरीका, कनाडा, फ्रांस और यूक्ेन का विश्व के 65 फीसद गेहूं बाजार पर कब्जा है। इसमें 30 फीसद पर रूस व न का कब्जा है। रूस से मिस्र, तुकी और बांग्लादेश वा यु से मिस इंडोनेशिया, 5 की तथा ट्यूनीशिया गेहूं खरीदते है।
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