प्रदेश के किसानों की जेब पर इस बार तगड़ा झटका लगने वाला है। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राज्य सरकार इस बार किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने से पहले छन्ना लगबाकर (ग्रेंडिंग मशीन) उसकी जांच कराएगी। इसके लिए बाकायदा किसानों से अधिकतम 20 रुपए प्रति क्बिंटल तक चार्ज बसूला जाएगा। यानी यदि एक किसान सरकारी गेहूं खरीदी केंद्र अपना 300 क्बिंटल गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचने जाता है तो उसे 6 हजार रुपए अलग से देने पड़ेंगे। राज्य सरकार पहल बार सभी 3 हजार 500 खरीदी केंद्रों पर यह व्यवस्था अनिवार्य करने जा रहा है।
प्रदेश में इस बार 7 लाख किसानों से 28 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी करेगी। खाद्य सिविल आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संचालक दीपक सक्सेना का कहना है कि ग्रेडिंग मशीनें लगाने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम बड़े जिलों के लिए टेंडर कर रहा है। टैंडर के लिए सरकार ने 20 रुपए अधिकतम मूल्य तय किया है, यानी इससे ऊपर टेंडर नहीं करना हैं। यदि कोई 20 रु. से कम पर टेंडर भरता है तो उतनी राशि ग्रेडिंग के समय किसान से प्रति विबंटल ली जाएगी।
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यह है यूपी मॉडल… जो किसान छन्ना लगाकर आएगा, उसे 20 रु. प्रति क्चिंटल नहीं देने होंगे
उत्तर प्रदेश में किसानों से 20 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सफाई, उतराई और छनाई के लिए देना पड़ रहे थे। किसानों से इसका विरोध किया था। इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को राहत देते हुए आदेश जारी किया कि अगर किसान उतराई का काम खुद करेंगे तो उनसे अतिरिक्त पैसे नहीं लिए जाएंगे।
नई व्यवस्था की मॉनिटरिंग नोडल अधिकारी करेंगे, संबधित सवाल – जबाव
सवाल – कौन तय करेगा कि गेहूँ ख़राब –
जबाव – ग्रेडिंग मशीन में एक बार में पूरा गेहूं डाला जाएगा। उसमें जो कचरा या अन्य कुछ होगा वो अलग हो जाएगा
सवाल -इसकी मॉनिटरिंग कौन करेणा।
जबाव – कलेक्टर नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे
सवाल – क्या कोई रसीद दी जायगी
जबाव – हाँ खरीदी केंद्र पर रशीद दी ज्यागी, उसी आधार पर छनाई होगी।