एमपी: किसानों की बढ़ी मुसीबत, मूंग खरीदी भुगतान को लेकर आया बड़ा अपडेट

नाफेड ने कई सैंपल किए फेल, वेयरहाउस में मनमानी से बढ़ी परेशानी

भोपाल/मध्यप्रदेश। हर वर्ष की तरह राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी की जा रही है। केंद्रः सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य 8682 रु. के भाव से मूंग की खरीदी की जा रही है। राज्य के हजारों मूंग उत्पादक किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। अब मूंग खरीदी के भुगतान को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है, जिससे किसानों की चिंता और गहरा गई है।

दरअसल, नाफेड द्वारा खरीदी गई मूंग की कई खेपों के सैंपल फेल हो गए हैं, जिसके चलते भुगतान की प्रक्रिया अटक गई है। यह मामला सिर्फ गुणवत्ता तक सीमित नहीं है, बल्कि वेयरहाउस मालिकों की मनमानी ने भी किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है।

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सैंपल फेल, भुगतान टला

नाफेड (NAFED) द्वारा मूंग की खरीदी के बाद गुणवत्ता जांच के लिए नमूने (सैंपल) भेजे गए थे। रिपोर्ट में सामने आया कि बड़ी संख्या में मूंग के सैंपल फेल कर दिए गए हैं। ऐसे में जिन किसानों की उपज खरीदी गई है, उन्हें भुगतान नहीं मिल पा रहा है। इससे किसान आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

वेयरहाउस मालिक कर रहे मनमानी

खरीदी के दौरान कई वेयरहाउस मालिकों द्वारा किसानों से मनमाना व्यवहार किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि तुलाई के समय उन्हें अनावश्यक रूप से घंटों इंतजार कराया गया, और अब माल जमा कराने के बाद वेयरहाउस से जरूरी कागजात नहीं दिए जा रहे हैं। इससे खरीदी की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

20-25 दिन बाद भी नहीं मिला भुगतान

राज्य के कई जिलों में किसानों ने बताया कि मूंग की तुलाई को 20 से 25 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक भुगतान की कोई सूचना नहीं है। इससे खरीफ फसल की तैयारी कर रहे किसानों को बीज, खाद और अन्य कृषि कार्यों के लिए धन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों की मांग – शीघ्र हो भुगतान

किसानों ने शासन और नाफेड से मांग की है कि खरीदी की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और सैंपल जांच व भुगतान प्रक्रिया को तेज किया जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके। साथ ही वेयरहाउस स्तर पर हो रही मनमानी पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।

मूंग किसानों की स्थिति इस समय बेहद संवेदनशील है। यदि समय रहते भुगतान नहीं हुआ, तो इसका असर आगामी फसल चक्र पर भी पड़ सकता है। सरकार और नाफेड को इस विषय पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि अन्नदाता की मेहनत व्यर्थ न जाए।

वेयरहाउस मालिक कर रहे मनमानी

खरीदी के दौरान कई वेयरहाउस मालिकों द्वारा किसानों से मनमाना व्यवहार किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि तुलाई के समय उन्हें अनावश्यक रूप से घंटों इंतजार कराया गया, और अब माल जमा कराने के बाद वेयरहाउस से जरूरी कागजात नहीं दिए जा रहे हैं। इससे खरीदी की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

20-25 दिन बाद भी नहीं मिला भुगतान

राज्य के कई जिलों में किसानों ने बताया कि मूंग की तुलाई को 20 से 25 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक भुगतान की कोई सूचना नहीं है। इससे खरीफ फसल की तैयारी कर रहे किसानों को बीज, खाद और अन्य कृषि कार्यों के लिए धन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों की मांग – शीघ्र हो भुगतान

किसानों ने शासन और नाफेड से मांग की है कि खरीदी की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और सैंपल जांच व भुगतान प्रक्रिया को तेज किया जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके। साथ ही वेयरहाउस स्तर पर हो रही मनमानी पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।

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