मध्यप्रदेश के बड़े रकबा में मूंग की बुवाई की जाती है। मूंग किसानो के लिए लागत के आधार पर अत्यधिक मुनाफा देने वाली फसल है। पिछले वर्ष 2021 मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की गयी थी। जिसे देखते हुए किसानों ने वर्ष 2022 में मूंग का रकवा बढ़ा दिया। लेकिन इस वर्ष सरकार द्वारा मूंग खरीदी के कोई आसार समझ में नहीं आ रहे है। किसान समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है।
मध्य प्रदेश सरकार किसानों से मूंग की खरीदी तत्काल शुरू करे – मप्र कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में विधायक कुणाल चौधरी एवं मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा है कि भाजपा किसान विरोधी है। मध्यप्रदेश में साल दर साल मूंग का रकबा बढ़ता जा रहा है इस साल 5 लाख टन से अधिक ग्रीष्मकालीन मूंग का उत्पादन हुआ है। अकेले नर्मदापुरम जिले में 2.32 लाख हेक्टेयर हरदा जिले में 1.35 लाख हेक्टेयर मूंग की बुवाई की गई थी।
बैतूल, नरसिंहपुर, भोपाल, रायसेन, विदिशा और सागर समेत अन्य जिलों में भी बड़े पैमाने पर किसानों ने मूंग की बुवाई की थी। किसान अपनी पैदावार के दाम चाहता है, लेकिन मप्र सरकार द्वारा मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर प्रारंभ नहीं की गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों को 5000-5200 में अपनी फसल बेचना पड़ रही है, जिससे उनकी लागत भी नहीं निकल रही है। जबकि निर्धारित समर्थन मूल्य 7275 रूपए है।
इस कारण रुकी है समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में आमदनी बढ़ाने की आस में इस बार किसानों ने लगभग 12 लाख हेक्टेयर में मूंग ली है और लगभग 15 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। जबकि केंद्र सरकार ने इस वर्ष मात्र दो लाख 25 हजार टन मूंग खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से पूरी मूंग का उपार्जन समर्थन मूल्य पर करने के लिए अनुमति मांगी है। यदि यह मिल जाती है तो समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीदी शुरू हो जयगी।