Kisaan news. कोरोना संक्रमण के बीच सावधानियों के साथ पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (1,975 रुपये प्रति क्विंटल) पर गेहूं की खरीद प्रारंभ हो जाएगी। इंदौर और उज्जैन संभाग में 27 मार्च से उपार्जन केंद्रों में गेहूं खरीदने की शुरुआत हो गई है। इस बार 24 लाख से ज्यादा किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। उपार्जन केंद्रों में उपज लाने किसानों को एसएमएस कर दिए गए हैं।
उपज बेचने के लिए कब आएगा आपका नंबर
खरीद एसएमएस के आधार पर ही होगी। एसएमएस में सभी किसानों ही को अलग-अलग समय आवंटित किया व गया है ताकि खरीद केंद्र में भीड़ न जुटे। किसी भी केंद्र में बीस से ज्यादा लोग एक समय में एकत्र न हों, इसके लिए सावधानी बरती जा रही है। खरीदी केंद्र पर उपज को बेचने के लिए किसानों का नम्बर वुबाई रकबे के आधार पर आयेगा। अतः पहले छोटे किसानों का नंबर आयेगा जिन्हें मोबाइल पर मैसेज कर तारीख की जानकारी दी जायेगी।
सबसे पहले छोटे और मझोले श्रेणी के किसानों से खरीद होगी। बड़े क्षेत्र में खेती करने वाले 20 फीसद किसान ही शुरुआत में उपज बेच सकेंगे। इस बार रिकॉर्ड 135 लाख टन गेहूं खरीदने की तैयारी की गई है।
राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने बताया कि गेहूं खरीदने को लेकर सभी जिलों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए किसानों से अपील की गई है कि वे मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें। साबन से हाथ धोएं और सतर्कता भी बरतें। किसानों को उपार्जन केंद्रों में कोई समस्या न आए, इसके लिए व्यवस्था बनाई गई है। किसान का पूरा लेखा-जोखा कंप्यूटर में दर्ज है और जब वो उपज लेकर आएगा तो उसकी तौल पर्ची जारी होगी। इसके आधार पर उससे खरीद की जाएगी।
उपज की गुणवत्ता देखने के लिए सर्वेयर तैनात किए गए हैं। एक बार किसान से फसल खरीद ली गई तो फिर सारी जबाबदारी खरीदार एजेंसी की होगी, इसलिए सहकारी साख समितियों, महिला स्व-सहायता समूह, गोदाम संचालक और कृषक उत्पादक समूहों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विशेष सावधानी रखें।
खरीदी के तीसरे दिन बाद हो जाएगा भुगतान
उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी किसान को उपज के भुगतान के लिए परेशान न होना पड़े, यह सुनिश्चित किया जाए। उपार्जन का काम 4,529 केंद्रों पर होगा। निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि केंद्रों की संख्या बढ़ाई या घटाई जा सकती है। जिला स्तर पर इसका मूल्यांकन करके निर्णय लिया जायगा।
सीएम हेल्पलाइन पर कर सकते हैं शिकायत
किसान उपार्जन से संबंधित समस्या टोल फ्री नबर सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर दर्ज करा सकते हैं। निराकरण की जिम्मेदारी जिला आपूर्ति नियंत्रक की होगी। वहीं, उपार्जन का काम बिना बाधा के चलता रहे इसके लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसका नंबर 0755-2551471 है, जो सुबह आठ से रात आठ बजे तक संचालित रहेगा।
इसे भी पढ़ें – रतलाम मंडी में गेहूं 4246 रुपये क्विंटल बिका और बढ़ेगे भाव