Kisaan news। देश में तेल तिलहन की प्रमुख फसल सरसों के भाव में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। पिछले सप्ताह इस पर मामूली ब्रेक लगा था लेकिन अब फिर सरसों के भाव तेजी से उछाल की ओर बढ़ रहे हैं। कई स्थानों पर सरसों के भाव 8200 तक पहुंच गए हैं जबकि कुछ स्थानों पर अब भी 6500 से 7000 के बीच सरसों बिक रही है।
मंडियों का भाव
सोमवार को हरियाणा की सिरसा मंडी में सरसों के भाव 6700 से 7142 रहे। भूना में 6700, सिवानी में 6800, राजस्थान के गंगानगर में 7000, जयपुर में 7800, दिल्ली में 7300, सूरतगढ़ में 6621, केसरी सिंहपुर में 7231, हापुड़ में 7600, भरतपुर में 7400, ग्वालियर में 7300, रावड़ा मंडी में 7200 के भाव देखे गए।
व्यापारियों का कहना है
इन जिंसों के कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन के बावजूद तेल, तिलहन में निर्यात मांग लगातार बढ़ रही है लेकिन लॉकडाउन के कारण अधिकतर मंडियों में कामकाज बहुत धीमे स्तर पर हो रहा है या पूरी तरह बंद है। इसी प्रकार सोयाबीन और मूंगफली के भाव भी तेजी की ओर अग्रसर हैं। सोयाबीन जहां 7000 के घरों में बिक रहा है वहां मूंगफली 6300 से 6600 के घरों में चल रही है।
क्या है बजह
दरअसल कोरोना काल में सरसों, सोयाबीन और मूंगफली के शुद्ध तेल की मांग का जबरदस्त दबाव है और लोगों ने शुद्ध भोजन की प्राथमिकता को व्यापक स्तर पर महत्व दिया है। हालांकि पॉम ऑयल के भी दाम बढ रहे हैं लेकिन सरसों, सोयाबीन और मूंगफली के तेल के मुकाबले पॉम ऑयल अंतिम पसंद बताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि भारत में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली सहित सभी तेल तिलहन की फसलें भारत की घरेलू मांग का 46 प्रतिशत तक आपूर्ति करती हैं और 54 प्रतिशत से अधिक की आपूर्ति आयात माध्यम से होती है जिस पर भारत हर वर्ष 5900 करोड़ से 6500 करोड़ रुपए तक की राशि खर्च करता है।