अमेरिका ने भारत पर 35% टैरिफ लगाया: किसानों व कृषि रसायनों पर गहरा असर
अमेरिका ने भारत से आयातित कृषि तथा संबंधित वस्तुओं पर 25% तक शुल्क लगाने की घोषणा की है। इस निर्णय का प्रभाव भारतीय कृषि क्षेत्र पर व्यापक रूप से दिख सकता है, विशेषकर किसानों की लागत और निर्यात क्षमता पर।
1. निर्यात बाधित:
भारत से अमेरिका को निर्यातित बासमती चावल, मसाले, कपास जैसे उत्पादों की कीमत बढ़ जाने से मांग में कमी हो सकती है। इससे किसानों को मिलने वाली कीमत पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
2. इनपुट लागत में वृद्धि:
FMC, Adama, Syngenta, Bayer जैसे कृषि रसायन (पेस्टीसाइड) निर्माता कंपनियों के उत्पादों की कीमतें बढ़ने की संभावना है। इन कंपनियों के बाजार हिस्सेदारी में हालिया संघर्ष व मुनाफे की मार्टिन सुधार नीति के दबाव के कारण कीमतों में बदलाव हो सकता है।
भारत में कृषि में उपयोगी होने वाले कीटनाशक और नए टेक्निकल अमेरिका की कंपनियों के है . इन्ही कंपनियों के कीटनाशक, फंगीसाइड अन्य दवाये फसलों पर असरदार रहती है . नए टेक्निकल का आविष्कार भी इन्ही कंपनियों द्वारा होता है ।
3. प्रमुख कंपनियों की स्थिति:
- FMC: Q2 2025 में भारत में बिक्री में मंदी, और धीरे‑धीरे कीमतें कम करने की नीति लागू; भारत में व्यावसायिक कारोबार बेचने की योजना।
- Syngenta / ADAMA: वैश्विक स्तर पर कीमतों में दबाव और चैनल सुविधाओं में परिवर्तन के कारण मार्जिन में सुधार की कोशिश। Adama बिक्री कम, प्रॉफिट बढ़ाया। Syngenta के Crop Protection हिस्से में मैन्युफैक्चरिंग लागत नियंत्रण का असर देखा गया।
4. किसानों पर प्रभाव:
- उर्वरक, कीटनाशक और अन्य कृषि रसायन महँगे होंगे, जिससे खेती की कुल लागत बढ़ेगी।
- निर्यात में कमी से राजस्व में गिरावट आएगी।
- सरकार को किसानों की राहत और वैकल्पिक बाज़ार पर ध्यान देना जरूरी हो जाएगा।
निष्कर्ष:
अमेरिका की यह निर्णय भारतीय कृषि क्षेत्र में लागत वृद्धि, निर्यात में बाधा और कीमतों में अस्थिरता ला सकता है। विशेषकर FMC, Adama, Syngenta, Bayer जैसे कंपनियों के रसायनों की कीमतों में वृद्धि होने से किसानों की आर्थिक चुनौतियाँ और गहराएँगी। सरकार को किसानों के हित में सब्सिडी, वैकल्पिक बाजार और समर्थन मूल्य पर कार्य करना चाहिए।
अभी हाल ही में अमेरिकी निर्णय (25% टैरिफ) की घोषणा की गई है और इसके प्रभाव पर समीक्षाएँ जारी हैं।