वर्ष 2022 का मानसून सीजन में अति वर्षा होने के कारण अनेक किसानों की फसलें नष्ट हो गयी एवं अनेक किसानो की फसलों में पानी भर जाने के कारण उत्पादन में लागत भी नहीं निकल सकी। बाढ़ की स्थिति पैसा होने से किसान की खड़ी फसल भी बह गयी। ऐसी समस्या को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित किसानों को 202 करोड़ की सहायता प्रदान की है। यह राशि राज्य के 19 जिलों के किसानों को वितरित की जयगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस मानसून में अधिक वर्षा के कारण जहाँ शहरी क्षेत्र में व्यवस्थाएँ प्रभावित हुईं, वहीं ग्रामीण अंचलों में किसान वर्ग को अतिवृष्टि के कारण बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। किसानों की फसल से लागत भी नहीं निकल पायी।
इन जिले के किसानों को बांटी जायगी राशि
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित रहे प्रदेश के 19 जिलों विदिशा, सागर, गुना, रायसेन, दमोह, हरदा, मुरैना, आगर-मालवा, बालाघाट, भोपाल, अशोकनगर, सीहोर, नर्मदापुरम, श्योपुर, छिंदवाड़ा, भिंड, राजगढ़, बैतूल और सिवनी जिले के प्रभावित किसानों के खातों में 202 करोड़ 64 लाख रुपये की सहायता राशि सिंगल क्लिक से अंतरित की। अतिवृष्टि एवं बाढ़ प्रभावित जिलों का प्रभावित रकबा लगभग 2 लाख 2 हजार 488 हेक्टेयर है। प्रभावित 19 जिलों के कलेक्टर्स और किसान वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद ग्रामों में फसलों की क्षति का सर्वे करवा कर ग्राम पंचायत में सूची भी प्रदर्शित की गई थी। मकानों के क्षतिग्रस्त होने और घरेलू सामग्री के नुकसान और पशु हानि के लिए पहले 43 करोड़ 87 लाख रूपए की राशि वितरित की जा चुकी है। अब 1 लाख 91 हजार 755 कृषकों के खाते में सहायता राशि अंतरित की गई है।
हितग्राहियों से बातचीत
श्री चौहान ने प्रभावित किसानों को राहत राशि का अंतरण कर कुछ हितग्राहियों से चर्चा भी की। इनमें विदिशा जिले के श्री मनमोहन सिंह दांगी, सागर के श्री संजीव विश्वकर्मा और गुना जिले के श्री रंगलाल शामिल हैं।
यह भी पढ़ें – wheat variety: किसान अधिक पैदावार के लिए लगाए गेहूं की उन्नत किस्म, 75 क्विंटल तक उत्पादन
राशि अंतरण कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि प्रदेश में 23 जिले में औसत वर्षा हुई है। प्रदेश के तीन जिले अत्यधिक वर्षा और 26 जिले अधिक वर्षा की श्रेणी में हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रभावित परिवारों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधान के अनुसार बिना देर किए जरूरी सहायता देने का कार्य हुआ है |