किसान आंदोलन लगातार तेज़ होता जा रहा है जितनी तेज़ गति आंदोलन आगे बढ़ रहा है सरकार की मुश्किलें भी उतनी ही बढ़ती जा रही है। एक तरफ सरकार नए कृषि कानून बिल में संसोधन करने को तैयार है वही दूसरी तरफ किसानों की मांग है कि बिल को पूरी तरह से वापिस लिया जाए। सरकार और किसानों के बीच अभी तक जितनी भी मीटिंग हुई है सभी पूरी तरह से फैल हुई है।
पंजाब और हरियाणा के किसानों ने दिल्ली बॉर्डर पर पैर जमा रखा है। उनके लगातार तेज़ होते आंदोलन के चलते सरकार दबाव में आ रही है। इसके पहले किसी भी प्रकार के आंदोलन ने मोदी सरकार के लिए इतनी परेशानी खड़ी नहीं की है।
आज की पोस्ट में दिलचस्प यह है कि इतना बड़ा आंदोलन खड़ा करने के पीछे जिन लोगों की अहम भूमिका रही है, उन्हें आज भी कम ही लोग पहचानते हैं।
यहां हम किसान आंदोलन के इन्हीं सख्स के बारे में बता रहे हैं।
1.गुरनाम सिंह चढूनी
भारत में किसान आंदोलन को मजबूती से खड़ा करने के पीछे जो सबसे बड़ा नाम है वह गुरनाम सिंह चढूनी।
60 साल के गुरनाम कुरुक्षेत्र के चढूनी गांव के निवासी हैं
और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष पद पर हैं।10 सितम्बर को पीपली में हुए किसानों पर लाठीचार्ज के बाद से उनका जिक्र काफी ज्यादा हो रहा है। इस घटना के विरोध में सारे प्रदेश में आंदोलन खड़ा करने की मुख्य भूमिका चढूनी ने ही निभाई। चढूनी राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं। वह पिछले वर्ष बतौर निर्दलीय प्रत्याशी हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में उनकी धर्मपत्नी बलविंदर कौर भी आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं
2. दर्शन पाल
डॉक्टर दर्शन पाल क्रांतिकारी किसान यूनियन से जुड़े हैं। यह संगठन वामपंथी विचारधारा का समर्थन करता है। पंजाब में इस संगठन का बाकी किसान संगठनों की तुलना में काफी कम है। लेकिन, दर्शन पाल दिल्ली के किसान आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं एमबीबीएस-एमडी कर चुके डॉक्टर दर्शन पाल कई साल तक सरकारी नौकरी कर चुके हैं। करीब 20 साल पहले नौकरी छोड़ी और तब से अब तक किसानों की आवाज उठा रहे हैं। यह पटियाला के रहने वाले है । मीडिया से बातचीत करने की जिम्मेदारी यही निभा रहे हैं। यह क्षेत्रीय भाषाओं और अंग्रेजी में मीडिया से बात कर सकते है।
3.बलबीर सिंह राजेवाल
बलबीर सिंह राजेवाल इस आंदोलन के ऐसे व्यक्ति है जिन्हें अमित शाह एक से ज्यादा बार फोन कर चुके हैं। 77 साल के बलबीर भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक सदस्य हैं। उनकी औपचारिक पढ़ाई भले ही सिर्फ़ 12वीं कक्षा तक हुई है लेकिन बीकेयू का संविधान भी उन्होंने ही लिखा है।
4. जोगिंदर सिंह उगराहां
भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) को खड़ा में इनका हाथ है । यह सबसे बड़े किसान संगठनों में से एक है। जोगिंदर सिंह इसके अध्यक्ष हैं या यूं भी कह सकते हैं कि जोगिंदर ने ही यह संगठन तैयार किया। वे रिटायर्ड आर्मी मैन हैं। उनके चलते ये संगठन तेजी से प्रचलित हुआ। इनकी वादोलत महिला किसान भी संगठन से जुड़ने लगीं है। जोगिंदर के नेतृत्व में यहां आए किसानों की संख्या ज्यादा है ।
5. जगमोहन सिंह
जगमोहन सिंह इसी भारतीय किसान यूनियन संगठन के नेता है। कुछ सूत्र के अनुसार 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के बाद से ही जगमोहन सिंह पूरी तरह से सामाजिक
कार्यों के प्रति समर्पित हो गए। जगमोहन फिरोजपुर के रहने वाले हैं। सभी प्रदेशों के लोगों को इस आंदोलन में शामिल करने और 35 से ज़्यादा किसान संगठनों को जोड़ कर रखने में वे अहम भूमिका निभा रहे हैं।