फसल की बुबाई से लेकर फसल को बेचने तक किसान को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किसान को फसल का उत्पादन करने में लागत मेहनत और समय को खर्च करना पड़ता है इसके साथ ही मौसम की मार भी किसान को सेहन करनी पड़ती है सोचिए अगर इतनी मेहनत करने के बाद भी उसे अपनी फसल का पैसा न मिले तो कैसा लगेगा ? ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमे एक व्यापारी ने किसानो की फसल तो खरीद ली लेकिन फसल के बदले जो पैसा किसान को देना था व्यापारी वो पैसा दिए बिना ही फरार हो गया और किसानो को लाखों रुपयों का चूना लगाकर फरार हो गया। पढ़िए पूरी खबर –
यह है मामला
नए कृषि कानूनों के लागू होने से जिले में किसानों से धोखाधड़ी और ठगी का 12 दिन में दूसरा मामला सामने आया है। इस बार सिवनीमालवा के नंदरवाड़ा गांव में इंदौर के कथित व्यापारी आदित्य राज कोबरा ने नए कानून का फायदा उठाकर 60 किसानों से करीब 70 लाख की मूंग, धान, मक्का, गेहूं की खरीदी की और बिना भुगतान के भाग निकला। अपने साथ ठगी का अहसास होने के बाद किसान सामने आए हैं। मंगलवार को सिवनीमालवा थाना और एसडीएम ऑफिस पहुंचकर व्यापारी आदित्य राज कोबरा की शिकायत कर उपज के रुपए दिलाने की मांग की। किसानों के मुताबिक व्यापारी नंदरवाड़ा में किराये से रहने आया। ऑफिस खोला और कुछ किसानों को लगभग 4 से 5 हजार रुपए देकर 5 दिन की उधारी में उपज खरीदी। 5 दिनों के अंदर आधा भुगतान करता रहा। इसके बाद 15 दिनों पूरा भुगतान करने का आश्वासन देकर भाग गया। एसपी संतोष सिंह गौर ने बताया व्यापारी आदित्य राज कोबरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
कृषि कानून में यह है फायदे का दावा
ये फायदे का दावाः किसानों को उपज पसंदीदा स्थान और व्यापारी को बेचने की सुविधा है। मंडी से बाहर किसान कहीं भी उपज बेच सकता है। इसमें ऑनलाइन विक्रय
भी शामिल है। इसमें समर्थन मूल्य की कोई बंदिश नहीं है। इस कानून के तहत किसान को तीन दिन में भुगतान की गारंटी देता है।
SDM ने दिलाई चेन की सांस
नए कानून कानून का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। व्यापारी आदित्य राज काबरा नाम का है, जो कुछ महीनों पहले नंदरवाड़ा आया था। उसका मोबाइल नंबर ट्रेस किया है। व्यापारी से बात हो गई है। वह बुधवार को सिवनीमालवा आएगा। किसानों को उनकी उपज की राशि दिलाई जाएगी। –अखिल राठौर, एसडीएम