Homeकिसान न्यूज़थोड़ी मंदी के बाद सरसों में फिर जोरदार तेज़ी

थोड़ी मंदी के बाद सरसों में फिर जोरदार तेज़ी

kisaan news। भारतीय सरसों के इतिहास में स संभवतः पहली बार सरसों के तेल और सरसों दाना में इतनी तेजी देखने को मिली ति है। हालांकि पिछले एक हफ्ते से सरसों के दाम पर गिरावट के बादल गहरा रहे थे लेकिन प्रतिदिन 50-100 रुपए से अधिक की गिरावट कभी नहीं देखी गई। देश की कई मंडियों में 7800 रुपए तक का भाव छूने वाली सरसों मंदी की ओर वापिस आते हुए भी 6400 रुपए पर स्थिरता बनी रही।

मंगलवार से सरसों के दाना और तेल पर फिर से तेजी का रुख देखने को मिला और इसके भाव में अच्छे सुधार हुए। उत्तर प्रदेश के की कुछ मंडियों में सोमवार और मंगलवार कि को सरसों के दाम 7000 से 7500 रुपए के बीच रहे। जानकारों का कहना है कि विश्व स्तर पर सरसों, सोयाबीन व पाम जैसे तेल के बढ़ते भाव के कारण भारत में भी इन तेल, तिलहन पर तेजी का दबाव है।

सरसों में तेज़ी के कारण

कोरोना काल के चलते लोगों में सरसों के तेल पर विश्वास बढ़ा है और इसकी विश्व स्तर पर मांग बढ़ती जा रही है। सरसों के लिए विख्यात मलेशिया एक्सचेंज में सोमवार को 4-4.5 प्रतिशत की तेजी रही और लगभग यही स्थिति शिकागो एक्सचेंज में थी। भारत के घरेलू बाजार में भी लोगों का दूसरे रिफाइंड छोड़कर सरसों, सोयाबीन और मूंगफली के तेल पर विश्वास बढ़ रहा है लेकिन देश की अधिकतर मंडियों में लॉकडाउन के चलते फसलों के खरीद बेच में बड़ी रुकावट आ रही है। यही कारण है कि पिछले दिनों इन फसलों के दाम में मंदी का रुख देखा गया।

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अब जिन मंडियों में प्रशासन के सहयोग से मामूली खरीद बेच शुरु हुई है उनमें सरसों के दाम पर फिर तेजी की ओर दिखाई दे रहे हैं। यह भी एक तथ्य है कि भारत तेल, तिलहन की जितनी लागत होती है उसके लिए भारतीय खेतों में 35-40 प्रतिशत ही फसल होती है शेष आपूर्ति के लिए भारत को हर वर्ष 70-72 हजार करोड़ रुपए खर्च करके दूसरे देशों से तेल-तिलहन आयात करना पड़ता है।

समर्थन मूल्य से अधिक बिक रहा सरसों

इस बार सरकार ने सरसों का एमएसपी 4600 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था लेकिन नई फसल के आते ही इसके दाम 5000 के घरों में खुले। अब तक देश भर की मंडियों में लगभग 45 से 50 फीसदी फसल आ चुकी है और अब लॉकडाउन होने के कारण फसलों का मंडियों में आना रुक गया है। कुछ किसानों ने अच्छे भाव आने की संभावना को देखते हुए सरसों रोक कर रखी गई है। जानकारों का अनुमान है कि इस बार सरसों के दाम नई ऊंचाई तक जाएंगे।

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