भोपाल. मध्य प्रदेश में अब अपने गेंहू की फसल को अपनी मर्जी से बेच सकेंगे। प्रदेश सरकार ने पुरानी व्यवस्था को खत्म कर गेहूं उपार्जन की नई व्यवस्था को लागू कर दिया है। सरकार ने नई व्यवस्था उपार्जन में होने वाले फर्जीवाडे रोकने सहित किसानों के लिए गेहूं खरीदी व्यवस्था को सहज और सुगम बनाने की लिए की है।
नई उपार्जन नीति 2022-23 के अनुसार इस बार किसानों को गेंहू खरीदी के लिए किसी भी तरीके से एसएमएस नहीं भेजा जाएगा, ना ही उनकी खरीदी गई फसलों के भुगतान के लिए बैंक खाता नंबर व आईएफएससी नंबर मांगा जाएगा। अब किसान घर बैठे ही पंजीयन कर सकेंगे। पंजीयन के लिए तैयार अन्य सेंटर भी तय किए गए हैं।
पंजीयन व उपार्जन की समय सीमा
गेंहू खरीदी के लिए पंजीयन 5 फरवरी से 5 मार्च तक होंगे। उपार्जन केंद्र तिथि व टाइम स्लॉट का चयन 7 से 20 मार्च तक किया जा सकेगा। उपार्जन अवधि संभावित 25 मार्च से 15 मई तक तय की गई है। अब तक किसानों को खरीदी के एसएमएस आते थे। एसएमएस में मिली तिथि के अनुसार ही किसान फसल बेच सकता था। इस बार एसएमएस की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
अब किसान फसल बेचने के लिए निर्धारित पोर्टल से नजदीक के उपार्जन केंद्र, दिनांक व समय सलॉट का चयन खुद कर सकेंगे। इसका चयन नियत तिथि के पहले करना होगा। सामान्य तौर पर उपार्जन प्रारंभ होने की तिथि के एक सप्ताह पहले तक उपार्जन केंद्र, तिथि व समय स्लॉट का चयन किया जा सकेगा। किसान पंजीयन की इस बार दो व्यवस्थाएं की गई हैं। एक निःशुल्क तथा दूसरा सशुल्क।
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किसान मोबाइल व कम्प्यूटर से निर्धारित लिंक पर जाकर घर बेठे पंजीयन कर सकेंगे। साथ ही समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र में पंजीयन होंगे। दोनों जगह शुल्क नहीं देना होगा। इसके अतिरिक्त किसान 50 रूपए शुल्क देकर कियोस्क सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर, लोकसेवा केंद्र व सायबर कैफे में पंजीयन करवा सकेंगे। फसल बेचने से पहले आधार वैरिफिकेशन होगा। पंजीयन कराने व फसल बेचने के लिए आधार नंबर का सत्यापन अनिवार्य होगा। यह आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर ओटीपी से या बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जा सकेगा। भू- अभिलेख व आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। किसान उपार्जन केंद्र पर जाकर फसल बेचने के लिए! अपने परिवार के किसी सदस्य को नामित व्यक्ति का भी आधार वैरीफिकेशन कराया जाएगा।