गेहूं के उत्पादन में वृद्धि गेहूँ की किस्म wheat variety के ऊपर निर्भर करती है। हालाँकि गेहूं की किस्म सभी स्थानों पर अलग अलग किस्म अनुकूल होती है। विगत दिवस आयोजित हुए किसान मेले में गेहूं की बेस्ट किस्म के बारे में बताया गया जिसमे उसके उत्पादन अच्छा बताया जा रहा है। मेले में गेहूं की इसी किस्म की अत्यधिक मांग रही।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में चल रहे कृषि मेले का समापन हो गया। मेले में मौसम संबंधी जानकारी लेने के लिए 7 हजार किसानों ने मौसम विभाग के पास रजिस्ट्रेशन करवाया। वहीं किसानों में अबकी बार गेहूं की डब्लयू. एच. – 1270 की सबसे ज्यादा डिमांड है। सीड प्रोडेक्शन विभाग के साइंटिस्ट डॉ. अक्षय भूकर ने बताया कि पहली बार विश्वविद्यालय इसका बीज बेच रहे हैं ।
इस गेहूं के बीज का प्रति एकड़ उत्पादन 70 मन है। डॉ. अक्ष्य भूकर ने बताया कि मेले में एचएयू की स्टाल पर सरसों का बीज 90 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। परंतु प्राइवेट स्टाल वाले यही बीज 900 रुपये किलो दे रहे हैं। एचएयू का मटर का बीज M एच. एफ. पी. – 1428 भी पहली बार एच. ए. यू. ने किसानों को उपलब्ध करवाया है। यह प्रोटीन खाद्य पदार्थों में प्रयोग होता है।
किसानों ने मेले में फसलों में आने वाली बीमारियों को लेकर प्रश्न पूछे ।
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि धान में अबकी बार छोटी पौध का रोग है। यह अगेती धान की फसल में ज्यादा है। बासमती में कम है। इसलिए किसान धान में छोटा पौधा मिलने पर उसे उखाड़ किसान मेला कर फेंक दें। किसानों ने एच.ए.यू. के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई फसलों का मुआयना किया। राजस्थान के किसान दीप चंद गोदारा ने बताया कि वे अपने साथियों के साथ बड़ी उत्सकुता से मेले में आए। हमने कॉटन की विजिट की।
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मेले में दोनों दिन हरियाणा के अलावा पंजाब, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश राज्यों से करीब 1 लाख 31 हजार किसान शामिल हुए। किसानों ने करीब 1 करोड़ 50 लाख रूपए के रबी फसलों व सब्जियों की उन्नत व सिफारिश शुदा किस्मों के प्रमाणित बीज तथा फलदार पौधों की नर्सरी खरीदी। मेले के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. जीत राम शर्मा मुख्य अतिथि थे।
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उन्होंने किसानों से कृषि में सिंचाई जल के प्रबंधन और पराली व फसल अवशेषों को जलाने की अपेक्षा उनका यथास्थान मशीनीकृत प्रबंधन करने की अपील की। सरकारी संस्थानों में से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के जैनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग विभाग, लुवास तथा एम.एच.यू. करनाल को क्रमश: प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रगतिशील किसान ग्रुप में कम्बोज बी फार्म, फैमिली किसान नेचुरल फाथमग तथा ग्रीन इण्डिया बायोटैक एवं मिले-जुले ग्रुप में इएलपी-एचएयू, मिकाडा तथा फॉलकन गार्डन टूल्ज़/ एम. डी. बायो को क्रमश: प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए।