Homeकिसान न्यूज़fact check : 300 किलो प्याज बेचने पर मिले 2 रु. जानिए...

fact check : 300 किलो प्याज बेचने पर मिले 2 रु. जानिए क्या है सच

बीते कुछ दिनों से एक खबर वायरल हो रही है जिसमे बताया जा रहा है किसान द्वारा 300 किलो प्याज बेचने पर किसान को केवल 2 रुपये ही मिले। किसान की इस खबर के ऊपर राजनीति भी होने लगी है। वायरल खबर में बताया गया है की मध्यप्रदेश में प्याज का दाम इतना कम मिल रहा है की किसान को केवल 2 रुपए ही प्राप्त हुए चलिए जानते है इस खबर के पीछे क्या फैक्ट है।

खबर मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की शाजापुर मंडी की है जहा किसान 22 तारीख को अपनी उपज प्याज को मंडी लेकर पंहुचा और उसने आलू प्याज लहसुन के कमीशन एजेंट को अपनी उपज बेचीं। बेचने के बाद किसान को दो रूपये प्राप्त हुए। मंडी भाव की यही पर्ची सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल की जा रही है। जिसका किसान नेता उपयोग कर सरकार को घेर रहे है।

जानिए क्या है सच

शाजापुर के प्याज व्यापारी से बात की गई, उसने बताया, किसान जयराम जो प्याज लेकर आया, उसकी क्वॉलिटी ठीक नहीं थी। बावजूद उसे 80 पैसे से सवा रुपए किलो तक खरीदा। अगर प्याज अच्छी क्वालिटी का होता तो 11 रुपए किलो तक खरीदा जाता। जयराम छह कट्‌टों में 300 किलो प्याज लेकर आया था।उसने एडवांस में 280 रुपए भाड़े के ले लिए थे, हम्माली और तुलाई का खर्च निकालकर बाकी पेमेंट जयराम को दिया है।

इस बात से यह निष्कर्ष निकला की किसान की प्याज का टोटल 330 रूपये मिला लेकिन किसान द्वारा एडवांस में पैसा ले लिए थे जिसे व्यापारी द्वारा हिसाब में काट लिए गए।

यह भी पढ़ें – सर्वाधिक उत्पादन देने वाली गेहूं की किस्म

क्वालिटी के हिसाब से मिलता है भाव –

कृषि उपज मंडी में बिभिन्न क्वालिटी की उपज किसानो द्वारा लायी जाती है जिसका किसान को उसकी क्वालिटी के आधार पर व्यापारी द्वारा ख़रीदा जाता है। अच्छी क्वालिटी की उपज के अच्छे दाम मिलते है इसलिए आम व्यक्ति सब्जी बाजार में अच्छी सब्जी के ज्यादा पैसे दुकानदार की देता है।

मध्यप्रदेश की मंडियों में किसानों को अच्छी क्वॉलिटी के प्याज के अधिकतम रेट 11 से 12 रुपए मिल रहे हैं, जबकि मीडियम क्वॉलिटी का प्याज 5 से 10 और सबसे खराब क्वॉलिटी का प्याज 4 रुपए किलो से कम में खरीदा जा रहा है।

दूसरी ओर, आम लोगों को प्याज 20 से 25 रुपए प्रतिकिलो तक खाने को मिल रहा है। इसे लेकर भारतीय किसान संघ के नेता मुकेश पाटीदार ने बताया, मंडियों में मनमाने रेट दिए जा रहे हैं।

व्यापारी मंडी टैक्स, कमीशन, हम्माली और तुलाई का खर्च किसान से लेते हैं। वहीं, बिचौलिये भी मंडियों में सक्रिय हैं।

जानकारी अच्छी लगी हो तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करें

मंडी भाव ग्रुप से जुड़ें –

Telegram mandi bhav groupJoin Now
Whatsapp Group Join Now

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular