सोयाबीन के भाव 11,111 रुपये से गिरकर 4,000 रुपये पर आ गए हैं. लगातार दाम में हो रही कमी की वजह से किसान सरकार के खिलाफ सोयाबीन फेंको आंदोलन करेंगे।
नांदेड़ । महाराष्ट्र में सोयाबीन के भाव में भारी गिरावट देखी जा रही है, जिससे किसान परेशान हैं. किसानों का कहना कि इससे पहले सोयाबीन के भाव में इतनी कमी कभी नही आई थी. अत्यधिक बारिश के चलते सोयाबीन उत्पादक वैसे ही परेशान हैं और अब भाव गिर जाने के बाद किसान चिंतित हैं, क्योंकि सोयाबीन की कीमतें केवल 20 दिनों में 11,111 रुपये से गिरकर 4,000 रुपये पर आ गई हैं. गिरते भाव के चलते किसान सभा के नेता अजित नवले ने कहा है कि 27 सितंबर को महाराष्ट्र में तहसील कार्यालयों के सामने सोयाबीन फेंक कर अपना आंदोलन करेंगे।
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औरंगाबाद के किसानों ने बताया कि इस समय जिले में 28 हजार 422 हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है. अब सोयाबीन की कीमत 9,500 रुपये से गिरकर 5,500 रुपये हो गए हैं. भाव गिरने से औरंगाबाद जिले में 20,000 से अधिक किसान संकट में हैं. किसानों का कहना हैं कि अगर इसी तरह दामों में गिरावट होती रहेगी तो आगे नए सोयाबीन का उत्पादन कैसे हो पायेगा. कीमतों में 40 फीसदी की गिरावट से किसान आर्थिक संकट में हैं।
किसान नेता ने क्या कहा
किसान नेता अजित नवले ने कहा कि इस समय महाराष्ट्र में सोयाबीन उत्पादक किसान परेशानी में हैं. सोयाबीन के भाव में गिरावट आई है. केंद्र सरकार ने 12 लाख टन जी.आई. एम. सोयाबीन मील आयात करने के फैसले से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आई है. केंद्र सरकार के इस फैसले का किसान सभा जोरदार विरोध कर रही है. किसान नेता ने कहा कि 27 सितंबर को प्रदेश भर के तहसील कार्यालयों में मोर्चा निकाल कर तहसील कार्यालय के सामने सोयाबीन फेंको आंदोलन करेंगे।
अगस्त में ही महाराष्ट्र सरकार ने किया था विरोध
सोयामील इंपोर्ट के फैसले के खिलाफ 26 अगस्त को ही महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि इंपोर्ट के फैसले से किसानों में भारी रोष है. इस फैसले के बाद सोयाबीन की कीमतों में 2000 से 2500 प्रति क्विंटल तक की गिरावट आ गई है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।