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इन राज्यों में सक्रीय मौसम, किसानों की बढ़ी मुसीबत जानिए क्या है मौसम विभाग की सलाह

पिछले 24 घंटे के दौरान हुई बरसात से प्रदेशभर में मौसम बदल गया है। तेज हवा के साथ हो रही बरसात से दिन का तापमान गिर गया है। शनिवार को दिनभर हल्की ठंड भी महसूस हुई है। दिन में तापमान गिरा है, लेकिन नमी और बादलों की वजह से रात का पारा चढ़ा हुआ है। कृषि मौसम विशेषज्ञों ने इस बरसात को फसल के लिए नुकसानदेह करार दिया है, क्योंकि पूरे छत्तीसगढ़ में अभी धान की काफी फसल कटकर खेतों में पड़ी है। जो नहीं कटी, तेज हवा के साथ बरसात में उसकी बालियां भी खराब होने की आशंका है।

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इसलिए विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि एक हफ्ते के लिए कटाई रोक दें, क्योंकि बरसात 18-19 तक हो सकती है। सर्दी शुरू होने के बाद उत्तर-पूर्वी मानसून से दक्षिण भारत में बरसात होती है।
इसका कुछ असर छत्तीसगढ़ पर भी रहता है। आमतौर पर दिसंबर-जनवरी में ऐसी स्थितियां बनती हैं। इस साल नवंबर में ही असर दिखने लगा है। यह थोड़ा लंबा स्पैल हो सकता है, क्योंकि 18-19 नवंबर तक प्रदेश में बदली-बरसात की स्थितियां रहेंगी।

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शनिवार को प्रदेश रामानुजनगर में सबसे अधिक 30 मिमी बरसात हुई। उसूर में 10, अंबिकापुर, पेंड्रारोड में करीब पांच मिमी वर्षा हुई।अन्य कई जगहों पर हल्की वर्षा या बूंदाबांदी हुई।
इससे दिन का तापमान 24 से 30 डिग्री के बीच पहुंच गया। सभी जगहों पर यह सामान्य से दो से चार डिग्री तक कम है। इसके विपरीत रात का तापमान बढ़ गया है। यह 14 से 22 डिग्री के बीच रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से तीन से सात डिग्री तक अधिक है।

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18-19 को बरसात


मौसम विज्ञानियों के अनुसार थाईलैंड और उसके आसपास दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवात है।. साथ ही एक निम्न दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है। साथ ही ऊपरी हवा का चक्रवात भी है। 15 नवंबर के आसपास अवदाब उत्तरी अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी पर पहुंचेगा। प्रदेश में 18 और 19 नवंबर को कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

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सिस्टम सक्रिय
लालपुर मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार उत्तर अंदरुनी तमिलनाडु और उसके आसपास ऊपरी हवा का एक चक्रवात है। उत्तर अंदरुनी तमिलनाडु से आंध्रप्रदेश और ओड़िशा होते गंगेटिक पश्चिम बंगाल तक एक एक द्रोणिका बनी हुई है।इन सिस्टम की वजह से मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में मंगलवार 16 नवंबर को कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। कल दिन और रात के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर आने की संभावना नहीं है।

किसान को मौसम विभाग की सलाह


कृषि विवि में कृषि मौसम विभाग के अनुसार हल्की बरसात से खड़ी फसलों को ज्यादा नुकसान की संभावना नहीं है। हां, खेत में काटकर रखी हुईफसल भीगने से जरूर खराब होगी। यदि धान बरसात से भीग गया है तो संबंधित किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत क्षतिपूर्ति के लिए मुआ‌वजे की प्रक्रिया शुरू करसकते हैं। इस बरसात से सब्जियों को थोड़ा नुकसान पहुंचने की संभावना है।

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