किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम मिले जिसके लिए शासन ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की जिसके लिए नरसिंहपुर जिले में भी अनेको समितियों को इन खरीदी केंद्रों में खरीदी की जिम्मेदारी दी गई अधिकांश समितियां राजनीतिक रसूखदारों से जुड़े हुए लोगों की थी सेल्समैनों से मिलकर समितियों ने भ्रष्टाचार का ऐसा खेल खेला की किसी की समझ में नहीं आया और मूंग खरीदी के नाम पर अरबों रुपयों का भ्रष्टाचार भी कर डाला ।
नरसिंहपुर जिले के इतिहास का सबसे बड़ा मूंग खरीदी घोटाला जो अब सामने आने वाला है दरअसल मूंग खरीदी 30 सितंबर को बंद हो गई है जितना माल खरीदा गया है वह वेयरहाउस में भी रखा जा चुका है। लेकिन क्या जो माल समितियों ने किसानों से खरीदा है क्या वहीं माल एफएक्यू के मापदंडों के अनुसार खरीदा गया है या फिर किसानों के नाम का सहारा लेकर व्यापारियों ने अपनी चांदी पीट ली है।
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मंडी में सस्ती खरीदी, समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र वेयरहाउस में बेचीं
मंडियों में जिन व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन है उनकी गोदाम की जानकारी भी उनको मंडी को देनी होती है वहीं मंडी आने वाले किसान जिनकी मूंग खराब स्थिति की रहती है तो उसकी खरीदी शासकीय मूल्य पर नही हो पाती तो वह उसे लेकर मंडी बेंचने आ जाते है मंडी में व्यापारी सस्ते दामों में उसे खरीद लेते हैं। जिसके बाद उसी रात उस मूंग को अपने वाहन में भरकर शासकीय वेयरहाउस जहां समर्थन मूल्य पर खरीदी चल रही होती है वहा रातों रात ओर दिन में भी अपनी ट्रालियां लेकर पहुंच जाते हैं क्योंकि अधिकांश वेयरहाउस ओर समितियां उन्हीं व्यापारियों की है व उनके परिचितों की है वेयरहाउस में उतरने के बाद उस मूंग की दूसरे दिन समिति बिल बना देती है जो पहले से ही वेयरहाउस में रख दी जाती है
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किसानों का करोड़ो रुपय का भुगतान अटका
मूंग खरीदी निरिक्षण में पाया गया की समर्थन मूल्य में उपार्जित हुयी मूंग पूरी तरह से अमानक है, जिस वेयरहाउस में मूंग अमानक पायी गयी है उन वेयरहाउस का किसानों का करोडो रूपये का भुगतान रोक दिया गया है जी से किसान काफी परेशान है।
व्यापारी जब मंडी से खरीदकर का मूंग को अपनी गोदाम में रखने के बहाने वेयरहाउस ले जाता है तो मंडी से निकलने के लिए उसे अनुज्ञा पर्ची बनवानी पड़ती है जिसमे उसे यह बताना पड़ता है कि वह उस मूंग को अपनी गोदाम में ले जा रहा है लेकिन जब खरीदी गई मूंग का सत्यापन व्यापारी के स्टॉक से किया जाएगा तो सारा खेल उजागर हो जाएगा वहीं यदि व्यापारी फर्जी बिल बताकर उस मूंग को बेचने की बात करेगा तो उसके खाते में पैसे के लेनदेन ना होने पर वह फस जाएगा।……
लाखों क्विंटल अमानक मूंग में भ्रष्टाचार
जिले के अधिकांश वेयरहाउस में खराब मूंग तौली ओर व्यापारियों सांठगांठ करके रखी गई है। जिसकी जांच के आदेश नरसिंहपुर कलेक्टर ने 4 दिन पूर्व ही कर दिए थे और. जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया था लेकिन आज दिनाँक तक ना तो उन समितियों को ब्लैक लिस्ट किया और ना ही उन समितियों जिन्होंने अरबों का घोटाला किया है उनपर कोई कार्यवाही की गई। इसकी जद में जनकपुर वेयरहाउस सहावन, ये खेल बहुत ही बड़े स्तर से खेला गया है। जिसकी उच्चस्तरीय जांच होने पर अनेकों नकाबपोश जेल में होंगे।
एन. के. कुशवाहा, प्रबंधक एफसीआई का बयान
एन. के. कुशवाहा, प्रबंधक ने बताया की जनकपुर वेयरहाउस में 800 बोरी अमानक एवं शैलेन्द्र वेयरहाउस थलवाडा, विनायक वेयरहाउस सालीचौका, कृष्ना वेयरहाउस गाडरवारा व अन्य में अलग अलग मात्रा में अमानक मूंग पाई गई है।