HomeFarmingसोयाबीन की अधिक उपज देने वाली कीट प्रतिरोधी नयी वैरायटी Soyabean best...

सोयाबीन की अधिक उपज देने वाली कीट प्रतिरोधी नयी वैरायटी Soyabean best variety

सोयाबीन की नयी वैरायटी soyabean best new veriety macs 1407 विकसित की गयी है। भारत में तिलहनी फसल के रूप में सोयाबीन की खेती की जाती है। लेकिन उत्पादन अच्छा न मिलने से सोयाबीन की खेती से लोगो की रूचि कम होने लगी है जिसे देखते हुए भारत के कृषि विज्ञानिको द्वारा सोयाबीन की नयी वेरायटी विकसित की है जिसकी उत्पादन क्षमता 40 क्विंटल से अधिक है।

भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने सोयाबीन की एक अधिक उपज देने वाली और कीट प्रतिरोधी किस्म विकसित की है। यह किस्म असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वोत्तर राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त है और इसके बीज वर्ष 2022 के खरीफ के मौसम के दौरान किसानों को बुवाई के लिए उपलब्ध कराये जायेंगे।

soyabean-new-variety-macs 1407 photo-
soyabean new variety macs 1407 photo

वर्ष 2019 में, भारत ने व्यापक रूप से तिलहन के साथ-साथ पशु आहार के लिए प्रोटीन के सस्ते स्रोत और कई पैकेज्ड भोजन के तौर पर सोयाबीन की खेती करते हुए इसका लगभग 90 मिलियन टन उत्पादन किया और वह दुनिया के प्रमुख सोयाबीन उत्पादकों में शुमार होने का प्रयास कर रहा है। सोयाबीन की अधिक उपज देने वाली और रोग प्रतिरोधी ये किस्में भारत के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं।

प्रति हेक्टेयर 39 क्विंटल की पैदावार इस चुनौती को स्वीकार करते हुए, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संस्थान एमएसीएस – अग्रहार रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई), पुणे के वैज्ञानिकों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहयोग से सोयाबीन की अधिक उपज देने वाली किस्मों और सोयाबीन की खेती के उन्नत तरीकों को विकसित किया है।

सोयाबीन नयी वैरायटी का नाम

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संस्थान एमएसीएस – अग्रहार रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई) ने सोयाबीन की नयी वैरायटी को विकसित किया है जिसका नाम एमएसीएस 1407 है। वैज्ञानिको द्वारा दावा किया जा रहा है की इस वैरायटी की उत्पादन क्षमता 39 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।

soyabean-new-variety-macs-1407
soyabean-best new-variety-macs-1407

MACS 1407 की जानकारी

उन्होंने पारंपरिक क्रॉस ब्रीडिंग तकनीक का उपयोग करके एमएसीएस 1407 को विकसित किया, जोकि प्रति हेक्टेयर में 39 क्विंटल का पैदावार देते हुए इसे एक अधिक उपज देने वाली किस्म बनाता है और यह गर्डल बीटल, लीफ माइनर, लीफ रोलर, स्टेम फ्लाई, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीट-पतंगों का प्रतिरोधी भी है। इसका मोटा तना, जमीन से ऊपर (7 सेमी) फली सम्मिलन और फली बिखरने का प्रतिरोधी होना इसे यांत्रिक कटाई के लिए भी उपयुक्त बनाता है। यह पूर्वोत्तर भारत की वर्षा आधारित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है।

इस अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले एआरआई के वैज्ञानिक श्री संतोष जयभाई ने कहा कि “एमएसीएस 1407′ ने सबसे अच्छी जांच किस्म की तुलना में उपज में 17 प्रतिशत की वृद्धि की और योग्य किस्मों के मुकाबले 14 से 19 प्रतिशत अधिक उपज लाभ दिखाया। सोयाबीन की यह किस्म बिना किसी उपज हानि के 20 जून से 5 जुलाई के दौरान बुआई के लिए अत्यधिक अनुकूल है। यह इसे अन्य किस्मों की तुलना में मानसून की अनिश्चितताओं का अधिक प्रतिरोधी बनाता है।

इसे भी पढ़े – खेती के लिए सबसे अच्छा एवं सस्ता ट्रेक्टर

MACS 1407 की फसल अवधि

एमएसीएस 1407 में 50 प्रतिशत फूल आने के लिए औसतन 43 दिनों की जरूरत होती है और इसकी 104 दिन की परिपक्वता अवधि हैं। इसमें सफेद रंग के फूल, पीले रंग के बीज और काले हिलम होते हैं। इसके बीजों में 19.81 प्रतिशत तेल की मात्रा, 41 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है और यह अच्छी अंकुरण क्षमता दर्शाती है। अधिक उपज, कीट प्रतिरोधी, कम पानी और उर्वरक की जरूरत वाली और यांत्रिक कटाई के लिए उपयुक्त सोयाबीन की इस किस्म को हाल ही में भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा अधिसूचित और जारी किया गया है।

किसान जानकारी, मंडी भाव के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप ज्वाइन करे – ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें

MACS 1407 बीज की कीमत

फ़िलहाल बीज निगम द्वारा इस बीज की कीमत नहीं बताई गयी है। जैसे ही कीमत सामने आती है हमारी वेबसाइट पर यह बताई जायगी। इस बीज को लेने के लिए आपको ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी या बीज निगम में संपर्क करें। अन्य जानकारी के लिए कमेंट बॉक्स में पूछें।

गूगल की ऐड पर जरूर क्लिक करे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular