केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए लघु अवधि के कृषि ऋण पर ब्याज सहायता (interest subvention) को मंजूरी दे दी। इसके तहत तीन लाख रुपये तक का कर्ज लेने वाले किसानों को ब्याज में 1.5 फीसदी की छूट मिलेगी।
बैंकों और कर्ज देने वाले अन्य वित्तीय संस्थानों पर भी इसका बोझ नहीं पड़ेगा। व्याज का भुगतान सरकार करेगी। इसके अलावा, सरकार ने आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत खर्च को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी वित्तीय संस्थानों के लिए किसानों यह योजना बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत कर्ज देने वाले संस्थानों (सरकारी एवं निजी बैंक, छोटे वित्त बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक और कंप्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों) को 2022-23 से 2024- 25 के लिए किसानों को दिए गए लघु अवधि के कर्ज के एवज में ब्याज सहायता दी जाएगी।
किसानों को interest सहायता देने संबंधी योजना का लाभ पशुपालन, डेयरी, मछली पालन, पॉल्ट्री समेत कृषि संबंधी तमाम गतिविधियों से जुड़ने वालों को मिलेगा।
इससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार के मोर्चे पर भी मदद मिलेगी। समय पर किस्त भरने पर और फायदा बैंक किसानों को कम-से-कम ब्याज पर कर्ज दे सकें, इसके लिए सरकार ने interest subvention yojana (आईएसएस) पेश की थी। इसका नाम बदलकर मोडिफाइड interest subvention yojana (एमआईएसएस) हो गया है।
किसानों को समय पर क़िस्त भरने में और फायदा
इसके तहत खेती-बाड़ी, पशुपालन, डेयरी, मुर्गीपालन और मछली पालन जैसे कामों के लिए किसानों को सात फीसदी सालाना ब्याज पर तीन लाख रुपये का कर्ज मिलता है। किसान अगर समय पर कर्ज का भुगतान करते हैं तो उन्हें ब्याज में 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है। यानी उन्हें 4 फीसदी ब्याज पर लघु अवधि के लिए कर्ज मिलता है।
ईसीएलजीएस: होटल और जुड़े क्षेत्रों को मिलेगा बढ़ावा ईसीएलजीएस के तहत खर्च का दायरा बढ़ाने से कोरोना महामारी से प्रभावित होटल एवं इससे जुड़े क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया, ईसीएलजीएस के तहत 5 अगस्त, 2022 तक करीब 3.67 लाख करोड़ रुपये के कर्ज स्वीकृत किए जा चुके हैं।
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